Saturday, December 20, 2008

Joke of the day...

दो लोग एक ही राह पर चल रहे थे, एक थोड़ा आगे चल रहा था और दूसरा उसके पीछे. आगे वाला सच्चा सिपाही था और तेज चल में चलता हुआ अपने दोनों हाथों को क्रमशः आगे - पीछे भांजता हुआ चल रहा था, इससे पीछे वाले की नाक में उसके हाथ से बार - बार चोट लग रही थी. आखिर दोनों में बहस हो गयी और इसमें आस - पास के लोग भी शामिल हो गए, गौर कीजिये कितनी हास्यास्पद स्थिति पैदा हो गयी,

पहला - देख कर नहीं चल सकते, देखते नहीं मेरी नाक में चोट लग रही है.

दूसरा - मैं आजाद भारत का आजाद नागरिक हूँ, कहीं भी कैसे भी हाथ - पैर हिला कर चल सकता हूँ, संविधान ने मुझे ये अधिकार दिया है.

पहला - ये बात सही है पर आपकी स्वतंत्रता वहाँ समाप्त होती है जहाँ मेरी नाक शुरू होती है।

सुमित चमडिया

मुजफ्फरपुर

मोबाइल - 9431238161

Friday, December 12, 2008

मारवाडी समाज सतत प्रगतिशील है

मारवाडी समाज ने हमेशा ही सहज रूप से सामयिक चीजों को आत्मसात किया है फ़िर चाहे वो कोई नया व्यापार हो, यन्त्र हो, पद्धति हो, विचार हो या व्यवस्था हो। शायद यही अग्रसर होने की एकमात्र वजह है की वो आगे बढ़ कर परिवर्तन का स्वागत करता रहा है. ये ब्लॉग भी उसी परिवर्तन का ही एक हिस्सा है, इसने इस बात को अक्षरसः साबित किया है, इसकी सबसे बड़ी खूबी संवाद का दोतरफा होना है, इसने पुरानी मान्यता - " वक्ता श्रोता से अधिक उन्नत व लेखक पाठक से अधिक बुद्धिमान होता है" को पूर्णतया नकार दिया है, क्योंकि यहाँ तो कोई पाठक है ही नहीं, ना ही कोई वक्ता है, ये तो एक ऐसा मंच है जिसपर सब एक ही साथ बैठे हैं और सबकी कि बातें शेष सबों तक सीधे पहुँच रही हैं. धन्यवाद गूगल ऐसा प्लेटफोर्म देने क लिए, धन्यवाद अजातशत्रु जी इससे अवगत करवाने के लिए. कहीं ना कहीं हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अनिल के.जाजोदिया जी भी इसके लिए बधाई के हक़दार हैं, ये उन्हीं के युवा विकाश कार्यशालाओं, ओजस्वी भाषणों (जिन लोगो ने उन्हें सुना है, वो जानते हैं कि उनका भाषण भी किसी कार्यशाला से कम नहीं होता) , नित नए कार्यक्रमों का ही प्रतिफल है ये कम्प्यूटर आधारित अतिआधुनिक विचार- विमर्श कि पद्धति. ये इस ब्लॉग का ही परिणाम है कि हमें नित नए लेखक मिल रहे हैं, पुराने लेखकों से परिचय हो रहा है, इसमें जहाँ शम्भू जी जैसे सधे हुए लेखक हैं तो अनिल वर्मा जी के जैसे युवा और उर्जा से भरपूर लेखक भी और फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के उम्मीदवार श्री जीतेन्द्र गुप्ता जी से परिचय भी सभी पाठकों का यहीं हुआ है. अब ये कहना की मारवाडी समाज कम्प्यूटर या इन्टरनेट के प्रति जागरूक नहीं, 5000 से अधिक लोगों द्वारा (40 - 45 दिनों में) ब्लॉग को देखा जाना इसे गलत साबित करता है.
एक बार पुनः अजातशत्रु जी को बधाई.
सुमित चमडिया
मुजफ्फरपुर
मोबाइल - 9431238161

Friday, December 5, 2008

क्या इन्ही लाशों पर मेरा देश महान बनेगा...?

कन्या भ्रूण हत्या रोकिये, ये समय की मांग है. जरा सोचिये तो....
बेटी नही तो बहु कहाँ से लाओगे !!!

Thursday, December 4, 2008

directory

ये एक अत्यन्त ही सरल प्रक्रिया हो सकती है। प्रत्येक शाखा से राष्ट्रीय शुल्क के साथ शाखा सदस्यों का पूर्ण विवरण माँगा जाता है (इसीके आधार पर मंच संदेश का वितरण सम्भव होता है), सदस्यों के उसी विवरण के साथ उनके व्यवसाय की जानकारी भी प्राप्त की जा सकती है (यदि प्रयास किया जाए तो इसके साथ ही उनकी वैवाहिक स्थिति की भी जानकारी हो सकती सकती है)।ये तो हुई डाटा कलेक्शन की बात, इसका प्रकाशन भी कोई बहुत परेशानी का विषय नही है, इसे बिक्री के लिए उपलब्ध करवा कर इसके प्रकाशन का खर्च प्राप्त किया जा सकता है।रही दायित्व लेने वाले व्यक्ति की बात तो राष्ट्रीय कार्यालय में कई पदाधिकारी हैं जिनके लिए इसका प्रकाशन बहुत मामूली बात है, फ़िर इस ब्लॉग पर भी कई लेखक हैं जो पत्रकारिता / प्रकाशन के क्षेत्र में विशेष रूचि रखते हैं, उनकी मदद भी ली जा सकती है, यह तो केंद्रीय नेतृत्व पर निर्भर करता है।

सुमित चमडिया

व्यावसायिक सुचना डायरेक्ट्री

एक अत्यन्त जरुरी चीज पर मैं आपका ध्यान आकृष्ट करना चाहूँगा..
वो है अखिल भारतीय मारवाडी युवा मंच के सभी सदस्यों की व्यावसायिक सुचना डायरेक्ट्री
पूर्व में इसपे काम भी हुआ है और शायद कुछ अंक प्रकाशित भी हुए हैं, जिनमे से 2004 में प्रकाशित एक अंक मेरे पास भी है, परन्तु ये पुस्तिका अधूरी है, और जो सदस्य संख्या उसमे वर्णित है वो वास्तविक से काफी कम है, मेरे विचार से ये डायरेक्टरी मंच विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी और इससे हमारे अलग - अलग शाखाओं के सदस्यों के बीच एक अलग सम्बन्ध भी कायम होगा जो की मंच को एक वृहत रूप प्रदान करेगा
इसे निशुल्क या कुछ शुल्क के साथ भी सभी सदस्यों को उपलब्ध करवाया जा सकता है ।

सुमित चमडिया
मुजफ्फरपुर
मोबाइल - 9431238161