Friday, December 12, 2008

मारवाडी समाज सतत प्रगतिशील है

मारवाडी समाज ने हमेशा ही सहज रूप से सामयिक चीजों को आत्मसात किया है फ़िर चाहे वो कोई नया व्यापार हो, यन्त्र हो, पद्धति हो, विचार हो या व्यवस्था हो। शायद यही अग्रसर होने की एकमात्र वजह है की वो आगे बढ़ कर परिवर्तन का स्वागत करता रहा है. ये ब्लॉग भी उसी परिवर्तन का ही एक हिस्सा है, इसने इस बात को अक्षरसः साबित किया है, इसकी सबसे बड़ी खूबी संवाद का दोतरफा होना है, इसने पुरानी मान्यता - " वक्ता श्रोता से अधिक उन्नत व लेखक पाठक से अधिक बुद्धिमान होता है" को पूर्णतया नकार दिया है, क्योंकि यहाँ तो कोई पाठक है ही नहीं, ना ही कोई वक्ता है, ये तो एक ऐसा मंच है जिसपर सब एक ही साथ बैठे हैं और सबकी कि बातें शेष सबों तक सीधे पहुँच रही हैं. धन्यवाद गूगल ऐसा प्लेटफोर्म देने क लिए, धन्यवाद अजातशत्रु जी इससे अवगत करवाने के लिए. कहीं ना कहीं हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अनिल के.जाजोदिया जी भी इसके लिए बधाई के हक़दार हैं, ये उन्हीं के युवा विकाश कार्यशालाओं, ओजस्वी भाषणों (जिन लोगो ने उन्हें सुना है, वो जानते हैं कि उनका भाषण भी किसी कार्यशाला से कम नहीं होता) , नित नए कार्यक्रमों का ही प्रतिफल है ये कम्प्यूटर आधारित अतिआधुनिक विचार- विमर्श कि पद्धति. ये इस ब्लॉग का ही परिणाम है कि हमें नित नए लेखक मिल रहे हैं, पुराने लेखकों से परिचय हो रहा है, इसमें जहाँ शम्भू जी जैसे सधे हुए लेखक हैं तो अनिल वर्मा जी के जैसे युवा और उर्जा से भरपूर लेखक भी और फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के उम्मीदवार श्री जीतेन्द्र गुप्ता जी से परिचय भी सभी पाठकों का यहीं हुआ है. अब ये कहना की मारवाडी समाज कम्प्यूटर या इन्टरनेट के प्रति जागरूक नहीं, 5000 से अधिक लोगों द्वारा (40 - 45 दिनों में) ब्लॉग को देखा जाना इसे गलत साबित करता है.
एक बार पुनः अजातशत्रु जी को बधाई.
सुमित चमडिया
मुजफ्फरपुर
मोबाइल - 9431238161

No comments: