ये एक अत्यन्त ही सरल प्रक्रिया हो सकती है। प्रत्येक शाखा से राष्ट्रीय शुल्क के साथ शाखा सदस्यों का पूर्ण विवरण माँगा जाता है (इसीके आधार पर मंच संदेश का वितरण सम्भव होता है), सदस्यों के उसी विवरण के साथ उनके व्यवसाय की जानकारी भी प्राप्त की जा सकती है (यदि प्रयास किया जाए तो इसके साथ ही उनकी वैवाहिक स्थिति की भी जानकारी हो सकती सकती है)।ये तो हुई डाटा कलेक्शन की बात, इसका प्रकाशन भी कोई बहुत परेशानी का विषय नही है, इसे बिक्री के लिए उपलब्ध करवा कर इसके प्रकाशन का खर्च प्राप्त किया जा सकता है।रही दायित्व लेने वाले व्यक्ति की बात तो राष्ट्रीय कार्यालय में कई पदाधिकारी हैं जिनके लिए इसका प्रकाशन बहुत मामूली बात है, फ़िर इस ब्लॉग पर भी कई लेखक हैं जो पत्रकारिता / प्रकाशन के क्षेत्र में विशेष रूचि रखते हैं, उनकी मदद भी ली जा सकती है, यह तो केंद्रीय नेतृत्व पर निर्भर करता है।
सुमित चमडिया
Thursday, December 4, 2008
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