हमें श्रीमान खाज खाखरे साहब का पूर्ण समर्थन करना चाहिए, और उनके द्वारा किए गए प्रयासों को गति प्रदान करनी चाहिए, कुछ सुझाव:-
- हमारे बच्चे यदि अपने वर्ग में द्वितीय हैं तो हमें उन्हें बताना चाहिए, पढने में कड़ी मेहनत की जरुरत नही, बस प्रथम आने वाले बच्चे को पीट दो और स्कूल से बाहर फ़ेंक दो।
- संसद भवन दिल्ली में होने के कारण उसमे सिर्फ़ दिल्ली के लोगों को स्थान मिलना चाहिए।
- दिल्ली में रहने वाले हमारे नेता (प्रधानमंत्री, रास्ट्रपति सहित) दिल्ली के ही होने चाहिए।
- मुंबई में सिर्फ मराठी फिल्में ही बननी चाहिए, न की हिन्दी।
- हरेक राज्य की सीमा पर सभी बस, ट्रेन और हवाई जहाज को रोक कर उनके कर्मचारी और यात्री बदले जाने चाहिए।
- सभी मराठियों को, जो दुसरे राज्य या देशों में कार्यरत हैं, वापस बुलाया जाना चाहिए; क्योंकि वो वहां के स्थानीय लोगों का रोजगार छीन रहे हैं।
- भगवान शिव, गणेश और पार्वती की पूजा मराठियों को नहीं करनी चाहिए, क्योंकि वो उत्तर (हिमालय) से सम्बन्ध रखते हैं।
- ताजमहल देखने का अधिकार सिर्फ़ उत्तर प्रदेश के लोगों को हो, यही बात सभी दर्शनीय स्थलों पर लागू हो।
- किसी क्षेत्र विशेष के किसानों को केन्द्र से राहत नही मिलनी चाहिए, क्योंकि जिस टैक्स से ये पैसे आये हैं वो पुरे देश का है।
- चलिए क्षेत्रीय आतंकवादियों की मदद करें, क्योंकि वो क्षेत्र और समुदाय के लोगों के तुच्छ लाभ के लिए कमजोर और निहत्थे मासूमों की जान लेने को स्वतंत्र हैं।
- हमें सभी बहुरास्ट्रीय कम्पनिओं को भी अपने यहाँ से हटा देना चाहिए, और अपने यहाँ से कमाने का मौका नहीं देना चाहिए। हम अपना स्वयं का महाराष्ट्र माइक्रोसॉफ्ट, महाराष्ट्र पेप्सी और महाराष्ट्र मारुती बनायेंगे।
- मोबाइल, ईमेल, दुसरे राज्यों / देशों की फिल्में, ड्रामा आदि का प्रयोग बंद करें, जेम्स बोंड को भी मराठी में बोलना चाहिए।
- हम दुसरे राज्यों से लाया गया भोजन नहीं खायेंगे, भले ही स्थानीय अनाज 10 गुनी कीमत पर मिले या फिर हम भूखे मर जाएँ।
- हमें सभी स्थानीय कारखानों को भी बंद कर देना चाहिए, क्योंकि संभव है, उसमे लगने वाली मशीन किसी दुसरे राज्य / देश से लाई गयी हो।
- हमें रेल का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए, क्योंकि रेल मराठियों के द्वारा नहीं बनाई गयी है और रेल मंत्री भी बिहारी हैं।
- ध्यान रखें - हमारे बच्चे पैदा होने, पालने - बढने, और जीने - मरने भी अपने मोहल्ले में ही चाहिए, क्योंकि लोकल का मुद्दा हावी है.....
जय महारास्ट्र !!!
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