मारवाडी युवा मंच अब पच्चीस वर्षों का जवान हो गया है, क्या हम इससे संतुष्ट हैं....क्या मंच के प्रति हमारी मान्यताएं बदली हैं...
यहाँ बार - बार व्यक्ति विकाश की बात की जा रही है, पर मेरे विचार में हमें व्यक्ति विकाश नहीं व्यक्तित्व विकाश की बातें करनी चाहिए, व्यक्ति तो स्वयं विकसित हो जायेगा.
सच है जब मंच का गठन हुआ था तब की परिस्थितियों और अब में बहुत फर्क है, फिर किसी भी दो पीढियों की मानसिकता भी अलग - अलग हो सकती हैं.
तो ये सही है की हमें अब अपनी प्राथमिकताएँ बदलनी होंगी, विचार आमंत्रित हैं....
दोस्तों; ठहरे हुआ पानी को गन्दा तालाब कहा जाता है,और बहता हुआ पानी मीठे और शीतल जल का श्रोत होता है...
लक्ष्य अभी और ऊँचा है....
सुमित चमडिया मुजफ्फरपुर बिहार मोबाइल - 9431238161
Friday, October 31, 2008
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